---------:::आप अपना खुद का संसार रचते है :::------
शायद मानव इतिहास की महानतम खोज यह है कि आपके मस्तिक में आपके जीवन के लगभग हर पहलू का निर्माण करने की शक्ति होती है !
मानव निर्मित जगत में आप अपने चारों ओर जो भी चीज देखते है ,वह किसी इन्सान के दिमाग में एक विचार के रूप में आई थी और उसके बाद ही भौतिक जगत में साकार हुई !
आपके जीवन की हर चीज किसी विचार ,इच्छा ,आशा या सपने के रूप में शुरू हुई थी -या तो आपके दिमाग में या फिर किसी और के दिमाग में !आपके विचार रचनात्मक होते है ! वे आपकी दुनिया और आपके साथ होने वाली हर चीज को आकर देते है !
सभी धर्मो ,सभी दर्शनों ,मेटाफिजिक्स ,मनोविज्ञान और सफलता का महान सार यह है : आप जिसके बारे में जायदातर वक्त सोचते है ,वही बन जाते है !आपका बाहरी जगत अंततः आपके आंतरिक जगत का प्रतिबिम्ब बन जाता है ! आपको वही प्रतिबिम्ब दिखता है ,जिसके बारे में आप ज्यादातर समय सोचते है !आप जिसके बारे में भी सोचते है ,वह लगातार आपकी जिन्दगी में प्रकट होता है !
कई हजार सफल लोगो से पुछा गया कि वे जायदातर समय किस चीज के बारे में सोचते है ! सफल लोगो का सबसे आम जबाब यह था कि वे जायदातर वक्त अपनी मनचाही चीज और उसे पाने के बारे में सोचते है !
असफल और दुखी लोग ज्यादातर वक्त अनचाही चीजो के बारें में सोचतें और बाते करते है !वे अपनी समस्याओ और चिंताओ के बारे में बातचीत करते हैं तथा जायदातर समय दूसरे को दोष देते रहतें है !लेकिन सफल लोग अपने विचारों और बातों को अपने सबसे प्रबल इच्छित लक्ष्यों पर केन्द्रित रखते है !वे जायदातर वक्त उस चीज के बारें में सोचते और बातें करतें है ,जिसे वे पाना चाहतें है !
स्पष्ट लक्ष्यों के बिना जीना घने कोहरे में कार चलाने जैसा है !चाहे आपकी कार कितनी ही दमदार हो ,चाहे इंजीनियर कितनी ही बेहतरीन हो ,आप धीमे -धीमे झिझकते हुए कार चलाएंगे और बढ़िया से बढ़िया सड़क पर भी गति नहीं पकड़ पाएंगे ! लक्ष्य स्पष्ट करने से कोहरा तत्काल छँट जाता है और आपको अपनी योग्यताओ तथा उर्जाओं पर ध्यान केन्द्रित करने और उनका इस्तेमाल करने का मौका मिल जाता है !
स्पष्ट लक्ष्य आपको यह सामर्थ्य देते है कि आप अपनी जिन्दगी के एक्सीलेटर को दबा दें और उस सफलता की उर तेजी से बढे ,जिसे आप वाकई हासिल करना चाहते है !
शायद मानव इतिहास की महानतम खोज यह है कि आपके मस्तिक में आपके जीवन के लगभग हर पहलू का निर्माण करने की शक्ति होती है !
मानव निर्मित जगत में आप अपने चारों ओर जो भी चीज देखते है ,वह किसी इन्सान के दिमाग में एक विचार के रूप में आई थी और उसके बाद ही भौतिक जगत में साकार हुई !
आपके जीवन की हर चीज किसी विचार ,इच्छा ,आशा या सपने के रूप में शुरू हुई थी -या तो आपके दिमाग में या फिर किसी और के दिमाग में !आपके विचार रचनात्मक होते है ! वे आपकी दुनिया और आपके साथ होने वाली हर चीज को आकर देते है !
सभी धर्मो ,सभी दर्शनों ,मेटाफिजिक्स ,मनोविज्ञान और सफलता का महान सार यह है : आप जिसके बारे में जायदातर वक्त सोचते है ,वही बन जाते है !आपका बाहरी जगत अंततः आपके आंतरिक जगत का प्रतिबिम्ब बन जाता है ! आपको वही प्रतिबिम्ब दिखता है ,जिसके बारे में आप ज्यादातर समय सोचते है !आप जिसके बारे में भी सोचते है ,वह लगातार आपकी जिन्दगी में प्रकट होता है !
कई हजार सफल लोगो से पुछा गया कि वे जायदातर समय किस चीज के बारे में सोचते है ! सफल लोगो का सबसे आम जबाब यह था कि वे जायदातर वक्त अपनी मनचाही चीज और उसे पाने के बारे में सोचते है !
असफल और दुखी लोग ज्यादातर वक्त अनचाही चीजो के बारें में सोचतें और बाते करते है !वे अपनी समस्याओ और चिंताओ के बारे में बातचीत करते हैं तथा जायदातर समय दूसरे को दोष देते रहतें है !लेकिन सफल लोग अपने विचारों और बातों को अपने सबसे प्रबल इच्छित लक्ष्यों पर केन्द्रित रखते है !वे जायदातर वक्त उस चीज के बारें में सोचते और बातें करतें है ,जिसे वे पाना चाहतें है !
स्पष्ट लक्ष्यों के बिना जीना घने कोहरे में कार चलाने जैसा है !चाहे आपकी कार कितनी ही दमदार हो ,चाहे इंजीनियर कितनी ही बेहतरीन हो ,आप धीमे -धीमे झिझकते हुए कार चलाएंगे और बढ़िया से बढ़िया सड़क पर भी गति नहीं पकड़ पाएंगे ! लक्ष्य स्पष्ट करने से कोहरा तत्काल छँट जाता है और आपको अपनी योग्यताओ तथा उर्जाओं पर ध्यान केन्द्रित करने और उनका इस्तेमाल करने का मौका मिल जाता है !
स्पष्ट लक्ष्य आपको यह सामर्थ्य देते है कि आप अपनी जिन्दगी के एक्सीलेटर को दबा दें और उस सफलता की उर तेजी से बढे ,जिसे आप वाकई हासिल करना चाहते है !